QUOTE'S & SKETCH

" वो शाम भी अजीब थी,
ये शाम भी अजीब है,
बदला तो बस वक़्त है
बंदिशे तो कल भी थी,
बंदिशे जो आज भी हैं,
झुकी झुकी निग़ाहों में कहीं मेरा ख्याल था
ये भी कैसा मेरा ख्याल था
सहमी सी होठों पे कहीं मेरा नाम था
न जाने ये कैसा मेरा ख्याल था
ढल रही है शाम ,ख्वाइशें भी मेरी,
बुझ गया एक और दिया,चाहतें भी मेरी,
वो शाम भी अजीब थी,
ये शाम भी अजीब है,
बदला तो बस वक़्त है
बंदिशे तो कल भी थी,
बंदिशे जो आज भी हैं"
Inspired by gulzar written song(वो शाम भी अजीब थी)
________________________ SUSHANT SINGH RAJPUT

" फिर वही रात है, अनकही सी बात है,
तुम हो यहीं हम भी हैं यहीं
और हैं फासले भी वही
फिर वही रात है, अनकही सी बात है,
फिर वही रात है...
ठण्ड हवा आज भी है,
जैकेट पहना वो आज भी है,
मगर आज बदन से मेरी लिपटी एक सौल है
कैसे केह दूँ उससे लग रही ठण्ड मुझे आज भी है,
फिर वही रात है, अनकही सी बात है,....
फिर वही रात है...
बन्ध गया हूँ अब मैं बेड़ियों से
ये फासले अब मैं मिटा सकती नहीं
चाह कर दो कदम बढ़ा भी लूँ
मगर रिश्तों से अब मैं जित सकती नहीं
नजरों से दिल की बातें सुन सके तो सुन लेना
(क्योंकि अभी मैं किसी और की हूँ
तुम्हारी कभी अब मैं बन सकती नहीं)
लफ़्ज़ों से कुछ अब मैं केह सकती नहीं,
देखो आई फिर वही रात है, अनकही सी बात है,
तुम हो यहीं हम भी हैं यहीं
और हैं फासले भी वही
फिर वही रात है, अनकही सी बात है,....
फिर वही रात है... "
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